दोस्तों क्या आप किसी भी प्रकार के लड़ाई झगडे होने पर police application in hindi ( थाना ) को Application लिखना चाहते है अगर हा तो आप बिलकुल सही जगह पर हो क्यों की आज मैं आपको लड़ाई-झगड़ा तथा अन्य विवाद पर Thana Prabhari को Application लिखना सीखाने वाला हु ….
स्वागत है आपका detailsinhindi.in में आज आपको लड़ाई – झगड़ा या अन्य विवाद होने पर थाने में FIR( फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट ) लिखकर अपना शिकायत दर्ज कैसे करते है इसकी पूरी जानकारी एक-एक करके देने वाला हु |
FIR kaise likhe hindi me
नोट: दोस्तों सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए की FIR यानी प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखे जाने का प्रावधान हमारे संविधान में 1973 को धारा 154 के तहत जोड़ा गया था इसके तहत आप के गांव और कस्बे में स्तिथ पुलिस थाने के अधिकारी की यह जिम्मेदारी है की अगर आपके साथ या आपके सगे सम्बन्धी के साथ कोई दूर घटना होती है तो पीड़ित वयक्ति का कोई सागा सम्बन्धी या फिर परिवार वाला पूरे दुर्घटना की जानकारी नजदीकी थाना में लिखित या मौखिक रूप से दे सकता है उसके बाद थाना इंचार्ज आपको उस पत्र को पढ़ कर सुनते है उसके बाद FIR देने वाले वयक्ति का वहा पर हस्ताछर लेता है और आपकी FIR पूरी तरह से दर्ज हो जाती है |
1.FIR कैसे लिखे ( Step By Step )
- दोस्तों FIR लिखने के लिए सबसे पहले आप उस पुलिस स्टेशन का नाम लिखे जिसमे FIR लिखना है
- पीड़ित वयक्ति अपना नाम तथा अपने पिता के नाम लिखे
- पीड़ित अपने पूरी जानकारी दे, नंबर , पता इत्यादि
- घटना की पूरी जानकारी जैसे घटना कहाँ हुयी , घटना कब हुयी इत्यादि
- घटना करने वाले व्यक्ति की पूरी जानकारी
- घटना करने वाले किसी व्यक्ति पर अगर आपको संदेह हो तो उसका नाम
- घटना अगर कई व्यक्तियों द्वारा हुयी तो उन सभी व्यक्तियों के नाम
- अगर कोई गवाह हो तो उसका भी नाम लिखे
- पीड़ित परिवार को कितना नुक्सान हुवा इसकी पूरी जानकारी
- पीड़ित परिवार क्या निर्णय चाहता है इसकी भी पूरी जानकारी दे
दोस्तों विभिन्न घटना के हिसाब से FIR का स्ट्रक्चर भी अलग-अलग होता है अगर आपको कुछ समझ ना आया तो आप वहां पर मौजूद पुलिसकर्मी से इसके बारे में जानकारी ले सकते है लेकिन अगर पर उपस्थित पुलिसकर्मी आपसे पैसा मांगे तो आप उन्हें ना दे तथा इस बात की जानकारी जिले के सीनियर अधिकारी को ताकि इसपर कड़ी कारवाही हो |
नोट : FIR लिखवाने के लिए किसी भी शुल्क की आवश्यकता नहीं होती है यह बिलकुल ही मुफ्त सेवा है अगर इसके लिए कोई आपसे पैसे मांगे तो आप ना दे
थाना अधिकारी को एप्लीकेशन या FIR लिखने का नक़ल : Thana Prabhari Ko application in Hindi
सेवा में
श्रीमान थाना प्रभारी महोदय
मऊ थाना जिला मऊ, ( अपने थाने तथा जिले का नाम )
विषय : आपसी मतभेद में लड़ाई झगड़ा होने के विषय में शिकायत या FIR
महोदय
सविनय निवेदन है कि रामपाल ( अपना नाम लिखे ) थाना मऊ छेत्र का निवासी हु और मैं अभी कंप्यूटर छेत्र में पढाई करता हु और मैं पढ़ाई करने के लिए ही घर से बाहर रहता हु और जब मैं अपनी क्लास पूरी करके जब आ रहा था तो शाम 4 बजे 12/07/2020 को कुछ लोगो ने पकड़ लिए और मेरे साथ अभद्र वयवहार किया तथा मुझे पीटा भी और मेरे साथ आरहे मेरे मित्रो ने जब उनका विरोध किया तो उन लोगो ने उन्हे भी मारा ( यहाँ पर पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताय )
महोदय : आपसे विनम्र निवेदन है की आप इसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कदम उठाए और उन्हे दण्डित करे ताकि वो आगे से अपराध करने की कोसिस ना करे
धन्यवाद
नाम : ( अपना नाम )
पता : ( अपना पूरा पता )
मोबाइल नंबर : ( अपना मोबाइल नंबर )
अपना हस्ताछर : ( अपना या पीड़ित का हस्तचार )
( FAQ )
दोस्तों FIR का मतलब सामान्यतः यह होता है किसी भी घटना अपराध की खबर जो किसी भी पुलिस अधिकारी को दी जाती है तो इसी पूरे प्रक्रिया को FIR कहते FIR यानी प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखे जाने का प्रावधान हमारे संविधान में 1973 को धारा 154 के तहत जोड़ा गया था इसके तहत आप के गांव और कस्बे में स्तिथ पुलिस थाने के अधिकारी की यह जिम्मेदारी है |
दोस्तों लोगो के द्वारा सबसे ज्यादा पूछे जाने वाला सवाल यही है क्या हम FIR को निरस्त कर सकते है तो मैं आपको बताना चाहूंगा की , FIR रद्द करने के लिए आपको सुप्रीम कोर्ट का रुख करना होगा अगर सुप्रीम कोर्ट आपको अनुमति दे दी तो पुलिस कुछ नहीं कर पाएगी |
Conclusion
दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको हमारा यह थाना प्रभारी को मारपीट के सम्बन्ध में एप्लीकेशन वाला आर्टिकल अच्छे से समझ आया होगा और आपके मन में इससे सम्बंधित जितने भी सवाल रहे होंगे आपको उन सारे सवालों का जवाब मिल गया होगा लेकिन अगर फिर भी आप इससे सम्बंधित कुछ जानना चाहते है तो आप मुझे कमेंट करके बता सकते है मैं आपकी मदद जरूर करूँगा |
इसे भी पढ़े। . . .
Agar koi police wala apki fir na le to kya kre.. Or agar fir le leta hai to hame koi receiving nhi milti to kya karna chaiye
Upar ke adhikariyon ko apllication do ya wahan bhi baat na bane to aap court me jaa sakte hain wahan ho jayegi FIR